इस वर्ष महारूद्र यज्ञ मे दो विभूतियां पधारेंगी स्वागत व यज्ञ की तैयारिया प्रारम्भ
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रतलाम l चहुँ और व्याप्त धार्मिक एवं सनातनी वातावरण के बीच इस वर्ष रतलाम के त्रिवेणी तट पर प्रतिवर्षनुसार होने वाले महारुद्र यज्ञ के निरंतर 70वें वर्ष में प्रवेश के अवसर पर इस बार कुछ अधिक उत्साही माहौल दिखाई देगा।
विगत कई वर्षों के बाद इस बार त्रिवेणी के मेले के अवसर पर दो दिव्य संत मूर्तियों के आगमन का रतलाम की पावन धरा को सौभाग्य प्राप्त हो रहा है जिसकी परिणती स्वरूप ही इस वर्ष का त्रिवेणी मेला और महारुद्र यज्ञ भव्य आयोजन के रूप में ऊभरेगा।
शुक्रवार को सनातन धर्म सभा रतलाम की एक बैठक त्रिवेणी तट पर स्थित चमत्कारी श्री हनुमान मंदिर सभागृह में सनातन समाज के वरिष्ठ सदस्यों की उपस्थिति के साथ ही संपन्न हुई। जिसमें वक्ताओं के ओजस्वी विचारों के साथ ही इस वर्ष महारुद्र यज्ञ को जोश खरोश और हर्षोल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में महारुद्र यज्ञ आयोजन के संबंध में तैयारी को लेकर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार और सुझाव दिए तथा इस अवसर पर आयोजन से संबंधित कमेटियों का गठन भी किया गया।
त्रिवेणी मेले के साथ ही संपन्न होने वाले 11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ आयोजन के इस पुनीत और पावन पर्व पर रतलाम में वर्षों बाद श्री आदि शंकराचार्य के 145 वें पद शिष्य श्री जगतगुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी सरस्वती ,जो कि सनातन समाज की सर्वोच्च चार पीठों में से एक जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा) स्थित श्री गोवर्धन पीठ के 31 वर्ष से इस पद पर आसीन होकर वरिष्ठतम संत के रुप में सम्मानित हे, उनके आगमन का सौभाग्य प्राप्त हों रहा है।
महाराज श्री, महारूद्र यज्ञ के बीच श्रद्धालुजनो को आशीर्वचन देने हेतु दिनांक 3 जनवरी को प्रातः 7ः00 बजे दिल्ली से रतलाम विशेष रूप से पधारेंगे तथा उसी दिन दोपहर 3ः00 बजे उन्हें भव्य अगवानी के साथ शोभायात्रा के रूप त्रिवेणी तट पर लाया जाएगा, जहां आप धर्म सभा को संबोधित करेंगे। स्वामी जी दूसरे दिन 4 जनवरी 2024 को दोपहर 1ः30 बजे सड़क मार्ग द्वारा नागदा तक यात्रा कर,वहां रायपुर की ओर रेल द्वारा प्रस्थान करेंगे।
श्री शंकराचार्य जी रतलाम प्रवास के समय सैलाना रोड स्थित दयाल वाटिका में विराजेंगे, जहां श्रद्धालु जन उनके दर्शन लाभ ले सकेंगे।
कार्यक्रम की रूपरेखाः-
महारूद्र आयोजन की इसी कड़ी में प्रथम दिन 1 जनवरी 2024 को प्रातः 9ः00 बजे बागड़ों का वास, रतलाम स्थित अगर जी के मंदिर में स्थापित श्री चैमुखा महादेव का अभिषेक होगा। जहां पर सनातन समाज के सभी श्रद्धालु उपस्थित होकर अभिषेक के पुण्य लाभ ले सकेंगे।
महारुद्र यज्ञ आयोजन का शुभारंभ दिनांक 2 जनवरी 2024 को प्रातः 10ः00 बजे त्रिवेणी तट पर ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी (श्री ईश्वर आनंद जी ब्रह्मचारी) के उपदेश उद्बोधन पश्चात उनके कर कमलों से ध्वजारोहण के संपन्न होने के साथ होगा। महाराज श्री का आगमन उसी दिन, शुकताल में आयोजित हो रही आपकी कथा को विश्राम देकर इंदौर तक वायु मार्ग से तत्पश्चात प्रातः सड़क मार्ग द्वारा आगमन होगा।
मुख्य आयोजन यज्ञ में अग्नि प्रवेश का होगा जिसमें यज्ञ के मुख्य यजमान श्री मोहन जी शर्मा (मंशी)व उनके परिवारों के द्वारा महाराज श्री अग्निप्रवेश कराकर जयघोष के साथ करेंगे।
इस प्रकार अगले 11 दिन तक निरंतर प्रतिदिन यज्ञ चलते, 12 जनवरी को पूर्णाहुति होगी। त्रिवेणी तट पर होने वाले सनातनी समाज के इस भव्य आयोजन की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी है।और समाज के वरिष्ठों के साथ-साथ इस बार युवाओं में भी बड़ा उत्साहजनक वातावरण बना हुआ है। तथा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए आगे आ रहे हैं।
सनातन धर्म समाज के अध्यक्ष अनिल झालानी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सर्व श्री कमल सिंह जी राठौर, कन्हैयालाल जी मौर्य, रामचंद्र जी शर्मा, यज्ञाचार्य पं.दुर्गाशंकरजी एवम पं.संजय जी,डॉक्टर राजेंद्र शर्मा, नवनीत सोनी, रमेश जी व्यास, राजेश दवे, गोपाल जी जवेरी, बंसीलाल जी शर्मा, हंसा बहन व्यास, मुन्नालाल शर्मा, बृजेंद्र मेहता, सूरजमल टांक, आशा उपाध्याय, बद्रीलाल परिहार,दिनेश उपाध्याय, सत्यदीप भट्ट, निलेश सोनी, योगेश सोनी, जगदीश परिहार,चेतन शर्मा,राजा राठौर, साहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे l