राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन में कई निर्णय लिए गए

Latest News Hindi News Ratlam Smachar

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन में कई निर्णय लिए गए

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन में कई निर्णय लिए गए

Update24x.in:- 

 रतलाम।  राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति विकास परिषद नई दिल्ली राष्ट्रीय अधिवेशन  मानस भवन श्यामला हिल्स भोपाल म.प्र,में  राष्ट्रीय अध्यक्ष  प्रवीण मांगरिया  के नेतृत्व में राष्ट्रीय कार्यकारणी पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी,सभी प्रदेशो के जिलाध्यक्ष की उपस्थिति मे अधिवेशन  सम्पन्न हुआ ।
सर्व प्रथम बाबा साहब डॉ. बी. आर अंबेडकर जी के छाया चित्र पर पुष्पाजंली अपित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया 
  राष्ट्रीय अध्यक्ष  प्रवीण मांगरिया ,राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व विधायक (गुजरात ), राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष  जी.पी मेहरा , राष्ट्रीय संगठन प्रभारी  पी.सी बेरवाल (R td IAS ),, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  भगवती प्रसाद चौधरी, रोशनलाल आम्रवशी, राष्ट्रीय महासचिव -  रतनलाल बैरवा, टी.आर दीनकर , श्रीमति ज्योत्सना बैरवा, राष्ट्रीय सचिव -  सतीष  चौहान, ए.आर.सिंह, ओ.पी अहिरवार, एस आर. डेहरिया, शांतीलाल जेतपुरी, एङ महेन्द्र परमार,श्री गुणवत राय, देवीदास सी.वी,राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष -  जगदीश मीणा,उ.प्र. प्रदेश अध्यक्ष -  हरिओम कठेरिया, गुजरात प्रदेशाध्यक्ष -  हरेश भाई परमार, महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष -  रवि सोमकुवर , छ.ग प्रदेशाध्यक्ष -  पीलाराम कुरे, दिल्ली - भुपेन्द्र बैरवा, बिहार -एड़. राम शंकर दास, तमिलनाडू- समर्थ कुमार, झारखंड - विवेक  वाल्मिकी, उपस्थित रहें । सभी का स्वागत मध्यप्रदेश के प्रांतिय अध्यक्ष  एच.आर.परमार , महिला प्रदेशाध्यक्ष श्रीमति सीमा निराला, युवा प्रदेशाध्यक विनोद मेहर द्वारा स्वागत कर शिल्ड श्रीफल द्वारा स्वागत कर सम्मान किया Iअधिवेशन में उपस्थित राष्ट्रीय कार्यकारणी, प्रदेश कार्यकारणी  पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की सर्व सहमति से निम्न प्रस्ताव  को पारित किया l 

1- शोषित, वंचित, पिछड़े वर्ग (SC/St) विशेषकर महिलाओं पर बढ़ रहें सामूहिक अत्याचार, अत्यधिक संख्या में बढ़ना, रूढ़ीवादी मानसिकता और सोच का दुष्परिणाम।
2- निजीकरण अप्रत्यक्ष रूप से आरक्षित वर्ग को प्रतिनिधित्व विहीन किए जाने की गहरी साजिश।
3- आजादी के बाद भी आदिवासियों को 5 वी,6 टि अनुसूची लागू न करना, विकास के नाम पर जल ,जंगल ,जमीन को आदिवासियों से छीना - गंभीर विषय।
4-वर्तमान शिक्षा प्रणाली ,बेरोजगारी, भ्रष्टाचार देश के लिए एक अभिशाप है गंभीर विषय चिंतन।
का ज्ञापन  प्रधानमंत्री ,  राष्ट्रपति  को राष्ट्रीय अध्यक्ष/प्रदेशों के अध्यक्षों प्रतिनिधि मंडल द्वारा दिया जाएगा 
कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदेश अध्यक्ष म.प्र एच.आर.परमार  द्वारा व्यक्त किया गया