मनुष्य के भावों की अभिव्यक्ति है कविता - दुबे
latestnews--hindi-samachar-ratlamnews-390

मनुष्य के भावों की अभिव्यक्ति है कविता - दुबे
जनवादी लेखक संघ द्वारा पुस्तक चर्चा आयोजित
Update24x.in:-
रतलाम। रचनाकार कविता के माध्यम से अपने भावों के अभिव्यक्ति करता है। वह समाज के हर पक्ष को दृष्टि में रखकर अपनी कविता रचता है। संजय परसाई की कविताओं में भी यह दृष्टि दिखाई देती है। समकालीन कविताओं में ये कविताएं भी अपनी अलग पहचान बनाती प्रतीत होती हैं ।
उक्त विचार जनवादी लेखक संघ द्वारा संजय परसाई 'सरल' के नवीन काव्य संग्रह ' हक़ ' पर आयोजित चर्चा गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार गौरीशंकर दुबे ने व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि इन कविताओं के माध्यम से हमें अपना परिवेश और रिश्ते भी स्मरण हो उठते हैं । कार्यक्रम के विशेष अतिथि वरिष्ठ कवि प्रो. रतन चौहान ने कहा कि अंतर्विरोध कविता में दृष्टि का होना आवश्यक है । जीवन के संघर्षों और आम आदमी की पीड़ा को जब तक कोई रचनाकार क़रीब से नहीं देखता है उसकी कविता में प्रभाव नहीं आ पाता है । कविता का जनता तक नहीं पहुंचाना भी इसीलिए होता है कि कविता में आमजन की बात , आम जन की भाषा में नहीं कही जाती है। संजय परसाई अपनी कविताओं में आपसी रिश्तों का ताना-बाना बुनते हैं और अपनी बात को प्रभावी ढंग से कहते हैं।
मुख्य अतिथि डॉ. गीता दुबे ने कहा कि प्रत्येक कवि अपने विषय समाज से ही ग्रहण करता है और उसे अपने अनुभव के आधार पर कविता में ढालता है । संजय परसाई की कविताओं में भी यह सब दिखाई देता है । साहित्यकार नरेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि इस संग्रह की कविताओं को पढ़कर हमें अपना आस पड़ोस याद आता है । हमारे जीवन के वे रिश्ते याद आते हैं जो हमसे निरंतर टूटे जा रहे हैं । विनोद झालानी ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ये कविताएं हमें अपनों के क़रीब ले जाती हैं । वरिष्ठ व्यंग्य कवि जुझार सिंह भाटी ने कहा कि इन कविताओं के माध्यम से कवि संजय परसाई का एक अलग रूप हमें देखने को मिलता है । वे समय के साथ चलते हुए प्रत्येक विषय पर अपनी बात मज़बूती से कहते हैं ।काव्य संग्रह पर कैलाश वशिष्ठ , प्रकाश हेमावत ,जीएस खींची,श्यामसुंदर भाटी, सुभाष यादव , कीर्ति शर्मा ने भी महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए ।
महत्वपूर्ण कविताओं का पाठ किया
कवि संजय परसाई ने इस अवसर पर काव्य संग्रह से महत्वपूर्ण कविताओं का पाठ किया। उन्होंने संग्रह की कविताओं का पाठ करते हुए अपना वक्तव्य दिया। गोष्ठी का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया तथा कीर्ति शर्मा ने आभार व्यक्त किया।
भंवरलाल भाटी की रचनाओं का पाठ 13 को
जनवादी लेखक संघ के एक 'रचनाकार का रचना संसार' श्रृंखला की चौथी कड़ी में शहर के दिवंगत रचनाकार भंवरलाल भाटी की रचनाओं का पाठ 13 जुलाई को प्रातः 11 बजे भगतसिंह पुस्तकालय शहर सराय रतलाम पर किया जाएगा। जलेसं ने सुधिजनों से उपस्थिति का आग्रह किया है।