रतलाम की साहित्य परंपरा की झलक रेलवे स्टेशन क्षेत्र में भी दिखे 

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रतलाम की साहित्य परंपरा की झलक रेलवे स्टेशन क्षेत्र में भी दिखे 

 रतलाम की साहित्य परंपरा की झलक रेलवे स्टेशन क्षेत्र में भी दिखे 

 डीआरएम अश्विनी कुमार से मिले साहित्यकार

Update24x.in:-

 रतलाम। रतलाम की पहचान साहित्य , संस्कृति और सद्भाव से रही है । इसकी झलक रेलवे स्टेशन क्षेत्र में भी मिलना चाहिए। रेलवे स्टेशन परिसर में यदि साहित्यिक पुस्तकों के लिए एक स्थान निर्धारित किया जाए तथा वाचनालय एवं पुस्तकालय जैसी अवधारणा यहां पर स्थापित हो तो रतलाम की पहचान से इस क्षेत्र में आने वाले यात्री भी परिचित होंगे और शहर के साहित्यकारों को भी एक महत्वपूर्ण स्थान उपलब्ध होगा ।
उक्त आग्रह जनवादी लेखक संघ द्वारा मंडल रेल प्रबंधक श्री अश्विनी कुमार से किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. रतन चौहान , विष्णु बैरागी , कैलाश व्यास , महावीर वर्मा , जलेसं अध्यक्ष रणजीत सिंह राठौर , आशीष दशोत्तर, इंदु सिन्हा , निवेदिता देसाई , मांगीलाल नगावत , कीर्ति शर्मा , चरण सिंह एवं उपस्थित साहित्यकारों ने डीआरएम श्री कुमार की रचनात्मक अभिरुचि के लिए उनका अभिनंदन किया तथा आग्रह किया कि रतलाम में साहित्यिक गतिविधियां उल्लेखनीय होती रही हैं । पूर्व में रतलाम रेलवे स्टेशन पर पुस्तकों का एक स्टॉल था वह भी हटा दिया गया है । इसलिए एक ऐसी जगह स्टेशन क्षेत्र में होना चाहिए जहां साहित्यिक पुस्तकों की उपलब्धता बनी रहे । डीआरएम श्री कुमार ने इस प्रस्ताव को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि किसी भी शहर की पहचान वहां के साहित्य से ही होती है। बड़े स्टेशनों पर इस तरह के स्थान होते हैं। रतलाम में भी ऐसी संभावना दिखाई देती है। हमारा प्रयास होगा कि साहित्यिक पत्रिकाओं के लिए कोई स्थान निर्धारित किया जाए । इस अवसर पर उपस्थितजनों के साथ डीआरएम ने अपनी साहित्यिक अभिरुचि को साझा किया। जलेसं ने श्री कुमार के सकारात्मक सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।